हरे रंग के पंख फैलाकर खुले आसमान में हंसता फिरता! हरे रंग के पंख फैलाकर खुले आसमान में हंसता फिरता!
तुम हरा रंग मुझको ही लगा दो मैं केसरी रंग लगाऊँ तुम्हें, तुम प्रेम का गीत सुनाओ क तुम हरा रंग मुझको ही लगा दो मैं केसरी रंग लगाऊँ तुम्हें, तुम प्रेम का ...
प्रेम प्रकृति की अनमोल और अमूर्त कृति है. प्रेम प्रकृति की अनमोल और अमूर्त कृति है.
पर्वत ऊंचे नभ को छूते मुझको निर्भीक चोटी बना लो पर्वत ऊंचे नभ को छूते मुझको निर्भीक चोटी बना लो
हरा, सफेद व केसरिया का तिरंगे में योग है। हरा, सफेद व केसरिया का तिरंगे में योग है।
रंग बहुत सारे हैं इन्हें इतना सुन्दर होने में ज़माने लगे हैं। रंग बहुत सारे हैं इन्हें इतना सुन्दर होने में ज़माने लगे हैं।